हवाओं की संगी सहेली
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
लाल पीले नीले गुलाबी
सपनों के पीछे भागती
आसमां में कुलांचे भरती
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
इस हाथ से उस हाथ कभी
खींचा किसी ने कभी ढील दी
यूँ ही खींचतान में उलझी
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
ज़मीन से जुड़े रहकर भी
ऊचाइयों से बात करती
वक़्त की चरखी में लिपटी
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
लाल पीले नीले गुलाबी
सपनों के पीछे भागती
आसमां में कुलांचे भरती
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
इस हाथ से उस हाथ कभी
खींचा किसी ने कभी ढील दी
यूँ ही खींचतान में उलझी
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
ज़मीन से जुड़े रहकर भी
ऊचाइयों से बात करती
वक़्त की चरखी में लिपटी
पतंग की डोर है ज़िन्दगी
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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर