Monday, March 12, 2012

पहली कविता



वो नन्हीं
निरीह सी चिड़िया
कहीं से अचानक आ गिरी थी          
मेरे हाथों मे
सिमटी बैठी           
रेशमी आवाज लिये
फाल्गुनी रंगों की
कोई गठरी थी
तभी ताजा हवा का कोई झोंका
उसे सहला गया
शक्ति भर फेफड़ों में
तरंगित कर गया
फिर मैनें उसे
आसमानी आतिश की तरह
गगन पटल पर देखा
आँखों में जुगनू भर
रोशनी से
दिया उम्मीद का जला लिया
उस चिड़िया के रूप में
मेरे भावों ने
 क्षितिज को पा लिया
वो चिड़िया
वस्तुतः चिड़िया नहीं
मेरी
पहली कविता थी 

15 comments:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति,भावपूर्ण सुंदर रचना,...
    वंदना जी,आप बहुत दिनों से पोस्ट पर नही आई
    आइये स्वागत है

    RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...

    ReplyDelete
  2. बहुत ही बढ़िया

    सादर

    ReplyDelete
  3. pahli kawita ka sukh.....bhaw liye kawita

    ReplyDelete
  4. aapki kavita roopy chidia ke rang birage pankh dekhkar man abhibhoot ho gaya..ye chidia blog ke raste mujhtak pahuchi..ye tamam logon tak pahunchkar aapka sandesh pahunchaaye..aisi meri shubhkamnayein hain...sadar badhayee aaur amantran ke sath

    ReplyDelete
  5. तरंगित कर रही है आपकी पहली कविता ..

    ReplyDelete
  6. अच्छी लगी आपकी परवरिश .........

    ReplyDelete
  7. वो चिडि़या
    वस्तुतः चिडि़या नहीं थी
    मेरी पहली कविता थी।

    बहुत सुंदर, बहुत सुंदर...
    अच्छी कविता।

    ReplyDelete
  8. वाकई 'तरंगित' कर गई ये कविता...सुन्दर भाव .

    ReplyDelete
  9. bahut khubsurat rachna hai,man ko chhuti hai,badhai.

    ReplyDelete
  10. अँधेरों को ठेलते हुए
    कर लेनी है मुट्ठी में
    अपने हिस्से की रोशनी
    और भर लेनी है डैनों में
    इतनी शक्ति
    कि कोई ब्लैक होल
    निगल न सके
    हौसलों को

    क्या बात है
    इसी लिए किसी शायर ने कहा है
    पंखो से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है
    बेहतरीन रचना ।
    वंदना जी एक बात और पूछनी है आपसे,
    हमें भी अपने ब्लॉग मे कविताओं और गज़लों को अलग -अलग फ़ोल्डर्स मे करना है जैसा अपने मैन्यू बनाया है कृपया मार्गदर्शन करें ।

    ReplyDelete

आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर

Followers

कॉपी राईट

इस ब्लॉग पर प्रकाशित सभी रचनाएं स्वरचित हैं तथा प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं यथा राजस्थान पत्रिका ,मधुमती , दैनिक जागरण आदि व इ-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं . सर्वाधिकार लेखिकाधीन सुरक्षित हैं