वो आँखे
कितनी खुश थीं
ढेरो मिठाई बंटी
बड़ी देर तक
काँसे की थाली बजी थी
हर एक पल रोमांच था
जब तुमने
कुछ नया किया था
अंगुली थाम चलना
स्कूल का पहला दिन
गठ-बंधन जोड़े
तुम्हारी दुल्हन की
पायल का छनकना
आँखे हर बार छलकी
खुशी से
लेकिन अब
तुम आसमां के
परिंदे बन
चले गए हो
अपने नन्हों के
स्वर्णिम भविष्य के लिए
शहरी घोंसलों में
न वापस लौटने के लिये
आँखे अब भी छलक जाती हैं
जब
सहारे के लिये
कांपती ऊँगली तरस जाती है
क्या कभी भाँप सकोगे
बाबा की आँखों की गहन उदासी
कभी सुन सकोगे
माँ की साँसों की आवाज
कभी चली
कभी थमी सी .....
आज के परिवेश में फैलता ये दर्द बहुत ही भावपूर्ण और मार्मिक ठंग से प्रस्तुत किया है... बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteaapki prastuti bhav vibhor kar deti hai.maarmik aur hridysparshi prastuti ke liye aabhar,Vandana ji
ReplyDeleteबच्चों को आकाश में उड़ना भी हम ही सिखाते हैं ..और फिर साथ पाने के लिए तरस जाते हैं ..बहुत भावमयी रचना ..
ReplyDeleteसंतप्त हुआ मन.. अपना भी भविष्य दिख गया..
ReplyDeletespeechless.......haits off for this.
ReplyDeleteबहुत ही बढिया प्रस्तुति ।
ReplyDeleteकल 18/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, जिन्दगी की बातें ... !
धन्यवाद!
परिंदे की सबसे ऊँची उड़ान ....अपनी आज़ादी की हैं ...और वो आज़ादी हम ही देते है उन्हें
ReplyDeleteभावुक करती हुई रचना ....सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletebahut bhaav poorn rachna aaj ke samajik dhaache ko darpan dikhati hui prastuti.
ReplyDeleteभावुक रचना
ReplyDeleteभावुक कर गयी आपकी यह कविता।
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteदुखद....मगर ये तो अब ज़माने का दस्तूर बन गया है...
शुभकामनाएँ..
बहुत सुन्दर......
ReplyDeleteभावपूर्ण कविता.
बढ़िया अभिव्यक्ति......... ....सुन्दर आंखें...............
ReplyDeletebhavuk kar denewali bate hai
ReplyDeletejin baccho ko ma bap ne ungali pakadkar chalana sikhaya wahi bcche aasman me udane ki chah ke sath ma-pita se aksar dur ho jate hai..
behtarin rachana...
maun....
ReplyDeleteAaj ke halat par man ko kachotne vali bahut marmik rachana ,badhai.
ReplyDeleteफिर से पढ़ा..अच्छी लगी..
ReplyDeleteआपकी पुरानी कविताओं को पढ़ रहा हूँ. अनुभूतियों को बहुत ही सहज और जीवंत अभिव्यक्ति दी है आपने.
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