Tuesday, October 13, 2015

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

जिस माटी से चूल्हा बनाती है उसी से गण नायक रचती है ...... 

कक्षा 5 की छात्रा द्वारा बिना किसी ट्रेनिंग के खूबसूरत प्रतिमा का सृजन

5 comments:

  1. बहुत सुन्दर... बहुत बहुत शुभकामनायें

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  2. प्रशंसनीय

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  3. पांचवी कक्षा की इस छात्रा के सृजन को सलाम।

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  4. बहुत सुंदर और सराहनीय

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  5. बालिका की सृजनात्मकता प्रशंसनीय है ।
    बधाई !

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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर

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