Friday, February 11, 2011

गज़ल(तू है बादशाह )

तू है बादशाह तो हुआ करे
ये दिल तो बस खुदा से दुआ करे

टूटते हैं मिटटी के खिलौने
ले के बच्चे ही खुश हुआ करे

दिन रात भागती फिरती धरती
जाने किसे ढूँढती फिरा करे

कुछ सवाल तेरे कुछ मेरे हैं
कहो कैसे जुबां को सिया करे

शब्दों के जादूगर हैं ऐसे
बातों में हंगामा किया करें

2 comments:

  1. बातों में भी हंगामा करने वाले लोगों पर बढ़िया मारा है | ये तो ब्लॉग में भी हैं :)

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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर

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इस ब्लॉग पर प्रकाशित सभी रचनाएं स्वरचित हैं तथा प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं यथा राजस्थान पत्रिका ,मधुमती , दैनिक जागरण आदि व इ-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं . सर्वाधिकार लेखिकाधीन सुरक्षित हैं