Wednesday, May 15, 2013

....सुबह नहीं होती



लिख रहे हैं रोज़ ही लेकिन ताज़ा नज़्म  नहीं होती
बेखुदी में है कमी या फिर पूरी बहर नहीं होती

फासला थोडा रहे क़ुरबत को इस तरह निभाएं हम
जिन्दगी ये दोस्त फिर हरगिज़ हरगिज़ कफस नहीं होती

दर्द से तो है मगर हम रिश्ता लें पाल चुभन से भी
पर सुखन मनमीत बन सहलाये इतनी कसक नहीं होती

फेर ली आँखे कि माँ भाई यूँ बेजार हुए उसके
खोई दंगों में जवां लड़की उसकी सुबह नहीं होती

है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती 

17 comments:

  1. वाह बहुत सुन्दर गजल ..

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  2. बढ़िया ,उम्दा ग़ज़ल !
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post हे ! भारत के मातायों
    latest postअनुभूति : क्षणिकाएं

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  3. फासला थोडा रहे क़ुरबत को इस तरह निभाएं हम
    जिन्दगी ये दोस्त फिर हरगिज़ हरगिज़ कफस नहीं होती

    ...वाह! बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...

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  4. है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
    खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती

    Bahut Bahut Sunder....

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (16-05-2013) के परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 ) मयंक का कोना पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
    खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती
    बहुत सुन्दर वंदना जी बहुत भावपूर्ण अशआर लिखी हैं दाद कबूल कीजिये

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  7. है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
    खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती ...

    बिलकुल बेअसर नहीं होती ... बल्कि सुकून देती है इस माहोल में ... हर छंद लाजवाब है ...

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  8. बहुत ही सुन्दर रचना वंदना जी

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  9. है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
    खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती
    वाह ... बहुत खूब

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  10. फासला थोडा रहे क़ुरबत को इस तरह निभाएं हम
    जिन्दगी ये दोस्त फिर हरगिज़ हरगिज़ कफस नहीं होती..bahut badhiya ......

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  11. वाह..उम्दा..लाजवाब..

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  12. है बहुत बैचैन तो चल रख माँ की गोद जरा तू सिर
    खुरदरे हों हाथ पर ये थपकी बेअसर नहीं होती ..ये शेर बिशेष रूप से बेहद पसंद आया ..सादर बधायी के साथ

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  13. बढ़िया उम्दा प्रस्तुति ...

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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर

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