Monday, January 9, 2012

गौरैया भी.....















जुटा लिया है
मैंने
भविष्य से
आँख मिलाने का साहस
अतीत के
 डैनों के नीचे
कब तक
सुरक्षित रहूंगी मैं
बाज हैं
रहें वे
गौरैया भी
 पँख पसारेगी ही .....
















picture source :google image 

11 comments:

  1. गौरैया भी
    पँख पसारेगी ही ....हाँ प्यारी गौरैया ... आकाश तुम्हारा ही है

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  2. बहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना...

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  3. प्यारे और सुन्दर एहसास ...

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  4. गौरैया भी
    पँख पसारेगी ही .....
    यकीनन पंख पसारना ही होगा ..
    बहुत सुन्दर

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  5. वाह बहुत बढ़िया!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  6. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
    मेरी नई कविता देखें ।
    मेरी कविता:मुस्कुराहट तेरी

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  7. क्या कहने हैं हौसलों की बुलंदी के और परवाज़ हौसले से ही भरी जाती है .

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  8. अतीत के बाज और वर्तमान की गौरया... वाह सुन्‍दर बिम्‍ब. इस ब्‍लॉग को फालों कर रहा हूं, अब गूगल रीडर से नये पोस्‍टों को बिना उपस्थिति का आभास दिलाए पढ़ते रहूंगा.

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  9. और हौसला की उड़ान भी भरेगी..

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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर

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