स्वरचित रचनाएं..... भाव सजाऊं तो छंद रूठ जाते हैं छंद मनाऊं तो भाव छूट जाते हैं यूँ अनगढ़ अनुभव कहते सुनते अल्हड झरने फूट जाते हैं -वन्दना
गौरैया भी पँख पसारेगी ही ....हाँ प्यारी गौरैया ... आकाश तुम्हारा ही है
बहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना...
बहुत सुन्दर...
प्यारे और सुन्दर एहसास ...
बहुत सही। सादर
गौरैया भी पँख पसारेगी ही .....यकीनन पंख पसारना ही होगा ..बहुत सुन्दर
वाह बहुत बढ़िया!आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!सूचनार्थ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।मेरी नई कविता देखें ।मेरी कविता:मुस्कुराहट तेरी
क्या कहने हैं हौसलों की बुलंदी के और परवाज़ हौसले से ही भरी जाती है .
अतीत के बाज और वर्तमान की गौरया... वाह सुन्दर बिम्ब. इस ब्लॉग को फालों कर रहा हूं, अब गूगल रीडर से नये पोस्टों को बिना उपस्थिति का आभास दिलाए पढ़ते रहूंगा.
और हौसला की उड़ान भी भरेगी..
आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर
गौरैया भी
ReplyDeleteपँख पसारेगी ही ....हाँ प्यारी गौरैया ... आकाश तुम्हारा ही है
बहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteप्यारे और सुन्दर एहसास ...
ReplyDeleteबहुत सही।
ReplyDeleteसादर
गौरैया भी
ReplyDeleteपँख पसारेगी ही .....
यकीनन पंख पसारना ही होगा ..
बहुत सुन्दर
वाह बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteमेरी नई कविता देखें ।
मेरी कविता:मुस्कुराहट तेरी
क्या कहने हैं हौसलों की बुलंदी के और परवाज़ हौसले से ही भरी जाती है .
ReplyDeleteअतीत के बाज और वर्तमान की गौरया... वाह सुन्दर बिम्ब. इस ब्लॉग को फालों कर रहा हूं, अब गूगल रीडर से नये पोस्टों को बिना उपस्थिति का आभास दिलाए पढ़ते रहूंगा.
ReplyDeleteऔर हौसला की उड़ान भी भरेगी..
ReplyDelete