या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
जिस माटी से चूल्हा बनाती है उसी से गण नायक रचती है ......
कक्षा 5 की छात्रा द्वारा बिना किसी ट्रेनिंग के खूबसूरत प्रतिमा का सृजन
बहुत सुन्दर... बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteप्रशंसनीय
ReplyDeleteपांचवी कक्षा की इस छात्रा के सृजन को सलाम।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सराहनीय
ReplyDeleteबालिका की सृजनात्मकता प्रशंसनीय है ।
ReplyDeleteबधाई !