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Sunday, January 22, 2012

वो आदमी



वो एक आदमी
जिसने पहली बार
सिर झुका कर
ईश्वर को पुकारा होगा
वो एक आदमी
जिसने पत्थर मे
भगवान तराशा होगा
वो एक आदमी
जिसने पहली बार
आस्था का बीज बोया होगा
जरूर उस आदमी से
बहुत अच्छा होगा
जिसने तोडा होगा
पहली बार
किसी के जीने का संबल
बहुत बुरा होगा
वह आदमी
जिसने
निराशा का आविष्कार किया होगा
और जिसने
आंसुओं को
निरा पानी बताया होगा 

14 comments:

  1. अच्छे और बुरे की सही परिभाषा ...

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  2. बहुत बुरा होगा
    वह आदमी
    जिसने निराशा का आविष्कार किया होगा।

    कविता में गहन चिंतन की झलक है।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!

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  4. अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति ...

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  5. गहन चिंतन के साथ एक अर्थपूर्ण रचना..बहुत सुन्दर..

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  6. साधु-साधु
    अतिसुन्दर
    सारगर्भित..

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  7. वो एक आदमी ,जिसने पहली वार ,आस्था का बीज बोया होगा

    बहुत सुन्दर
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

    vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........

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  8. बहुत सुन्दर कविता |वन्दना जी गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ |

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  9. वाह....मेरे मन के भावों को व्यक्त कर दिया आपने
    अपनी कविता में।
    इस कविता शब्दों से नहीं, अपितु हृदय से आभार
    व्यक्त करने लायक है।
    कृपया इसे भी पढ़े-
    क्या यही गणतंत्र है

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  10. सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..

    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  11. अच्छी विवेचना...
    सार्थक और गहन रचना..
    सस्नेह

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  12. बहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    शुक्रिया ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!

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  13. भाव बनाए नहीं जाते हममे ही होते हैं.. सुन्दर लिखा है .

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आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ कि अपना बहुमूल्य समय देकर आपने मेरा मान बढाया ...सादर